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13 साल पहले शुरू हुई दुश्मनी, गांव बन गया छावनी, सन्नाटा।  ...

13 साल पहले शुरू हुई दुश्मनी अब पूर्व प्रधान को कुल्हाड़ी से काट दी दर्दनाक मौत,  

उन्नाव में वर्षों से चल रही मुकदमेबाजी और सुलह का दबाव न मानने पर बिहार थाना क्षेत्र के छांछीराई खेड़ा गांव में की गई पूर्व प्रधान की हत्या के बाद से सन्नाटा पसरा है। कानपुर के हैलट में भर्ती उसकी पत्नी की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए दो पुलिस टीमें संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं।
गुरुवार सुबह पूर्व प्रधान अपनी पत्नी के साथ बाइक से ब्लॉक मुख्यालय जा रहे थे। गांव में ही रहने वाले महेंद्र सिंह व उसके भाई नागेंद्र ने विवाद के बाद कुल्हाड़ी से हमलाकर हत्या कर दी थी। पति को बचाने में पत्नी भी घायल हो गई थी। पूर्व प्रधान की पत्नी ने बताया कि उनके और महेंद्र व उनके भाइयों के बीच करीब 13 साल से मुकदमेबाजी चल रही है। 2107 में उसने महेंद्र के भाई सोनू सिंह सहित दो लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मुकदमे में सोनू अभी जेल में है। महेंद्र व नागेंद्र मुकदमों में सुलह का दबाव बना रहे थे। दबाव न मानने पर पति की हत्या कर दी। चेहरे व गर्दन पर कुल्हाड़ी के गहरे घाव होने से उसकी हालत भी गंभीर बनी हुई है। पूर्व प्रधान के शव का शुक्रवार शाम को उनके ही खेत में अंतिम संस्कार कर दिया गया। भाई ने अंतिम संस्कार किया। बिहार एसओ अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि गांव में एहतियात के तौर पुलिस बल तैनात किया गया है। बताया कि नामजद हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

13 साल पहले शुरू हुई दुश्मनी, लगी मुकदमों की झड़ी
पूर्व प्रधान और हत्यारोपियों ने एक दूसरे के खिलाफ जब भी मौका मिला मुकदमा दर्ज करा दिया। पूर्व प्रधान ने 1995 में हिस्ट्रशीटर महेंद्र व उसके पिता के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद दोनों के बीच मुकदमे दर्ज कराने की होड़ लग गई।
पूर्व प्रधान पर पांच जबकि अलग अलग तहरीर पर महेंद्र के खिलाफ 9, भाई नागेंद्र के खिलाफ 8 और सोनू पर 9 मुकदमे दर्ज कराए गए। पुलिस, महेंद्र व उसके भाई सोनू की हिस्ट्रशीट भी खोल चुकी है। आरोपी जब भी जमानत पर जेल से बाहर आते कोई न कोई विवाद होता और मुकदमा दर्ज हो जाता। वर्ष 2017 में दर्ज दुष्कर्म के मुकदमे में सुलह का दबाव न मानने पर पूर्व प्रधान को कई बार धमकी भी दी गई थी। 

 

बंद रहा कच्चे मार्ग का निर्माण
गुरुवार को पूर्व प्रधान की रास्ते में जहां हत्या की गई पास में ही ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत कच्चे मार्ग का निर्माण कराया जा रहा था। 12 मजदूर काम कर रहे थे। घटना के बाद शुरू हुई पुलिस की पूछताछ के बाद शुक्रवार को मजदूर काम पर नहीं गए। ग्रामीणों के मुताबिक पूर्व प्रधान ने मनरेगा के काम में अपने कुछ श्रमिकों को लगाने की बात भी कही थी। घटना के दूसरे दिन काम बंद रहा। गांव बन गया छावनी।

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