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पीएम मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का किया अनावरण.. ...

 पीएम मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का किया अनावरण

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को शपथ ग्रहण करने के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आए। इस दौरान पीएम मोदी ने वाराणसी एयरपोर्ट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर लाल बहादुर शास्त्री के परिवार के सदस्य भी मौजूद रहे। जानिए लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा से जुड़ी खास बातें। 
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 18 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस प्रतिमा का वजन दो हजार पांच सौ किलोग्राम है। लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा कास्य धातु से बनी है। 18 फीट ऊंची प्रतिमा 10 फीट ऊंचे मूर्ति तल पर स्थापित की गई है। इस प्रतिमा की लागत 80 लाख रुपये है। यह प्रतिमा मैसर्स ऑफ रामसुतार क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाया गया है। 
इस दौरान शास्त्री परिवार से उपस्थित सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि एयरपोर्ट पर इतनी बड़ी प्रतिमा नहीं लगी थी। विशेष रूप से एयरपोर्ट अथॉरिटी के लोगों ने जो उर्जा दिखाई है वह शायद ही कहीं देखने को मिले। एयरपोर्ट अथॉरिटी और सरकार के कारण आज यहां पर ऐतिहासिक प्रतिमा का लोकार्पण हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी जो बातें लाल बहादुर शास्त्री जी के विषय में बताई है सब सार्थक होती नजर आ रही है। 
सुनील शास्त्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाल बहादुर शास्त्री के मूर्ति का अनावरण हो पाया है। पीएम मोदी ने इस काम से करोड़ों जनता का दिल जीत लिया है। अनिल शास्त्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी सरकार को ढेरों बधाई। लाल बहादुर शास्त्री का निधन 55 वर्ष पूर्व हुआ था, लेकिन आज प्रतिमा लगवा कर पीएम मोदी ने उन्हें फिर से जीवंत कर दिया। आज भी जय जवान जय किसान का नारा प्रासंगिक है। शास्त्री जी यही पैदा हुए, उनका पूरा बचपन और शिक्षा दीक्षा बनारस में हुआ।
अनिल शास्त्री ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री के नाम से कोई भी योजना केंद्र सरकार द्वारा नहीं लागू की गई है। अपने परिवार की ओर से केंद्र सरकार से आग्रह करना चाहता हूं कि लाल बहादुर शास्त्री के निधन को लेकर आज भी संशय बना हुआ है। उनके मौत से संबंधित दस्तावेजों की जांच कराई जाए। अब समय आ गया है कि जिस तरह से सुभाष चंद्र बोस के मौत के दस्तावेजों का खुलासा कराया गया था। ठीक उसी प्रकार से लाल बहादुर शास्त्री के निधन से संबंधित दस्तावेजों की जांच कराई जाए। राजनारायण कमेटी की रिपोर्ट 1970 में जनता पार्टी ने गठित की थी वह रिपोर्ट भी इस समय नहीं मिल रही है। जिसको जनता के समक्ष रखना चाहिए।

 

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