Total Visitors : 5 8 0 7 5 9 5

स्वतंत्रता संग्राम सैनिक की विधवा बेटी की कोर्ट याचिका खारिज ...

 विधवा बेटी नहीं है पेंशन लाभ की अधिकारी-हाइकोर्ट


स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना (एसएसएस) का लाभ स्वतंत्रता सेनानियों की शादीशुदा बेटियों के लिए उपलब्ध नहीं है। यह योजना केवल उसकी विधवा(पत्नी) या अविवाहित बेटियों के लिए है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एकस्वतंत्रता सैनिक की विधवा बेटी की याचिका खारिज करते हुए की है। याची ने पिता को मिलने वाली पेंशन को उसे देने की मांग की थी। 
न्यायमूर्ति विभू बाखरू की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार ने कहा कि यह योजना स्वतंत्रता सेनानियों की शादीशुदा बेटियों के लिए नहीं है। इसके अलावा यह योजना स्वतंत्रता सेनानी के परिवार के केवल एक सदस्य के लिए ही मान्य है। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संतोष गुलिया ने कहा था कि वह स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री लालचंद की विधवा बेटी है, इसलिए उसे यह पेंशन दी जाए। 

सरकार ने लालचंद की पहचान स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर की थी और एसएसएस योजना में पेंशन दी थी। 2004 में उनका निधन हो गया था। यह पेंशन संतोष की मां को दी गई थी, लेकिन उनकी भी एक साल बाद मृत्यु हो गई थी।

सरकार ने कहा था कि एसएसएस योजना की सीमा 31 मार्च 2017 को खत्म होने वाली पंचवर्षीय योजना के बाद वर्ष 2020 तक बढ़ा दी गई है। इस योजना के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान स्वरूप मासिक पेंशन दी जाती है। उनकी मृत्यु पर इस पेंशन का लाभ उनकी पत्नी या पति, अविवाहित या बेरोजगार बेटी या फिर आश्रित माता-पिता को दिया जाता है।

Related News

Leave a Reply