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38 साल पहले बहाया था खून, आई फैसले की घड़ी ...

बेहमई कांड..... 

कानपुर देहात के बेहमई में 38 साल पहले डकैत फूलन देवी गिरोह ने 20 लोगों को लाइन में खड़ा कर मौत के घाट उतार दिया था। देशभर में चर्चा में आए इस जघन्य हत्याकांड पर फिल्म भी बन चुकी हैं। इस मामले की सुनवाई 19 दिसंबर को पूरी हो गई थी। अदालत ने छह जनवरी फैसले की तिथि तय की थी। सोमवार को फैसला आने की उम्मीद पर बेहमई के लोगों को न्याय मिलने की आश जागी है।
हालांकि मुख्य आरोपी पूर्व दस्यु सुंदरी फूलन देवी समेत 15 आरोपियों की मौत हो चुकी है। जिला शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने बताया कि 14 फरवरी 1981 को दस्यु सुंदरी फूलन देवी के गिरोह ने बेहमई गांव में धावा बोलकर जगन्नाथ सिंह, तुलसीराम, सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, लाल सिंह, रामाधार सिंह, वीरेंद्र सिंह, शिवराम सिंह, रामचंद्र सिंह, शिव बालक सिंह, नरेश सिंह, दशरथ सिंह, बनवारी सिंह, हिम्मत सिंह, हरिओम सिंह, हुकुम सिंह समेत 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
जंटर सिंह समेत छह लोग गोली लगने से घायल हुए थे। राजाराम सिंह ने दस्यु सुंदरी फूलन देवी समेत 35-36 डकैतों के खिलाफ सिकंदरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह मामला देश भर की सुर्खियों में रहा था। वर्ष 2012 में डकैत फूलन समेत भीखा, पोसा, विश्वनाथ, श्यामबाबू व राम सिंह पर आरोप तय किए गए थे। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित की अदालत में चल रही है।
हत्याकांड की सुनवाई में 38 साल बीत गए। अभियोजन पक्ष ने वर्ष 2014 में गवाही पूरी कर ली थी। इसके बाद से अभियुक्तों की ओर से बचाव पक्ष ने बहस शुरू की। वहीं, कई बार न्यायालय के पीठासीन अधिकारियों का ट्रांसफर होने के कारण मामला टलता रहा। डीजीसी ने बताया कि अदालत की तरफ से निर्धारित तिथि के अनुसार सोमवार को इस चर्चित कांड में फैसला आने की उम्मीद है।

 तीन आरोपी जमानत पर, एक जेल में 

डीसीसी राजू पोरवाल ने बताया कि बेहमई कांड में आरोपी बनाए गए भीखा, श्यामबाबू व विश्वनाथ उर्फ पुतानी जमानत पर हैं। आरोपी पोसा अभी भी जेल में बंद है। घटना में नामजद तीन डकैत विश्वनाथ उर्फ अशोक, रामकेश और मान सिंह फरार चल रहे हैं। पुलिस अभी तक उन्हें तलाश नहीं पाई है।

   इन आरोपियों की हो चुकी मौत

पुलिस रिकार्ड के अनुसार बेहमई कांड की प्रमुख आरोपी दस्यु सुंदरी फूलन देवी की नई दिल्ली में हत्या हो चुकी है। जालौन के कोटा कुठौंद के रामऔतार, गुलौली कालपी के मुस्तकीम, बिरही कालपी के लल्लू बघेल व बलवान, कालपी के लल्लू यादव, कोंच के रामशंकर, डकोर कालपी के जग्गन उर्फ जागेश्वर, महदेवा कालपी के बलराम, टिकरी के मोती, चुर्खी के वृंदावन, कदौली के राम प्रकाश, गौहानी सिकंदरा के रामपाल, मेतीपुर कुठौद के प्रेम, धरिया मंगलपुर के नंदा उर्फ माया मल्लाह की मौत हो चुकी है।

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