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रोजाना 20 से अधिक बसें कार्यशाला से नहीं निकल पा रही ...

10 बसें भेजेगा बाहर.....

स्थानीय रोडवेज डिपो कई साल से परिचालकों की कमी से जूझ रहा है। इससे औसतन रोजाना 20 से अधिक बसें कार्यशाला से नहीं निकल पा रही हैं। इस वक्त डिपो के पास कुल 114 बसें हैं। इनमें 88 रोडवेज और 26 अनुबंधित बसें हैं। इन बसों को नियमित संचालन के लिए 246 परिचालकों की जरूरत है। इसके सापेक्ष मात्र 167 परिचालक हैं। इनमें 139 संविदा और 28 नियमित परिचालक हैं। डिपो 79 परिचालकों की कमी से जूझ रहा है। इससे हर रोज डिपो की 20 से अधिक बसें सड़कों पर नहीं निकल पा रही हैं।

वहीं, स्थानीय अधिकारियों पर दबाव बनाकर अनुबंधित बसों को नियमित परिचालक दिए जा रहे हैं। डिपो की सभी बसें न चल पाने से यात्रियों को परेशानी के साथ डिपो को भी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है।
डिपो में ऑफ रोड बसों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए परिचालकों की व्यवस्था के बजाय इटावा क्षेत्र के सेवा प्रबंधक एसके नागर ने 10 बसों को अन्य डिपो को भेजने के आदेश दिए हैं। इनमें मैनपुरी, औरैया, बेवर डिपो को दो-दो, छिबरामऊ डिपो को तीन व सैफई को एक बस भेजी जाएगी। सेवा प्रबंधक ने एआरएम को बसों में सुधार करते हुए शीघ्र ही भेजने के आदेश दिए।
आदेश में कहा कि भेजी जाने वाले किसी भी वाहन से किसी भी प्रकार की असेंबली न निकाली जाए। यदि ऐसा संज्ञान में आता है, तो डिपो के फोरमैन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संचालन प्रभारी गौरीशंकर ने बताया कि 10 बसें अन्य डिपो भेजने के आदेश मिले हैं। बसों को भेजने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी की जा रही है। शीघ्र ही इन्हें भेज दिया जाएगा।

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