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शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह का भी हुआ खुलकर विरोध ...

मध्यप्रदेश चुनाव समिति की बैठक में प्रत्‍याशियों के नामों को लेकर सहमति नहीं बन पाई। लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार तय करने के लिए भोपाल में हुई बीजेपी की बैठक।  नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट देने के मसले पर बात अटकी। कुछ सांसदों के सीट बदलने को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी रही।  29 में से सिर्फ 2 सीटों को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर एक से ज़्यादा प्रत्याशियों के नाम का पैनल है।

सूत्रों की माने तो दावेदारों पर मंथन के लिए प्रदेश चुनाव समिति की एक और बैठक हो सकती है उसके बाद नामों पर अंतिम मुहर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति लगाएगी। प्रदेश चुनाव समिति की पहली बैठक में दो घंटे से ज्यादा वक्त तक मंथन चला, लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकल पाया। बैठक के दौरान नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट देने पर सहमति नहीं बन पाई कुछ मौजूदा सांसदों के टिकट बदलने पर भी सदस्यों में टकराव हुई उसके बाद सिर्फ दो सीट इंदौर और जबलपुर को छोड़कर ज़्यादातर सीटों पर नामों का पैनल पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने का फैसला किया गया इंदौर से सुमित्रा महाजन और जबलपुर से प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का नाम तय माना जा रहा है।

एक तरफ जहां बीजेपी में 'स्पेशल 29' तय करने के लिए मंथन चल रहा था, वहीं दूसरी तरफ सांसदों के खिलाफ विरोध के सुर भी सुनाई दे रहे थे। राजगढ़ से सांसद रोडमल नागर के खिलाफ प्रदेश कार्यालय में ही जमकर नारेबाजी हुई। विदिशा से शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह की दावेदारी का विरोध करने वाले भी मैदान में खुलकर उतर आए। नारेबाज़ी और विरोध के बीच चुनाव समिति ने मंथन तो किया, लेकिन नामों को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो सका।

दिलचस्प ये है कि प्रदेश चुनाव समिति के जिन सदस्यों पर उम्मीदवारों के नाम तय करने का जिम्मा है उनमें से कई सदस्य खुद अपने लिए ही टिकट मांग रहे हैं।

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