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सुप्रीम कोर्ट करेगा आज 144 याचिकाओं पर सुनवाई ...

नागरिकता कानून.....

सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एक अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ सीएए से संबंधित 144 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इनमें अधिकतर याचिकाएं सीएए के खिलाफ हैं जबकि कुछ याचिकाएं सीएए के समर्थन में भी डाली गई हैं।

सीएए की संवैधानिक वैधता को इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग, पीस पार्टी, असम गण परिषद, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, जमायत उलेमा ए हिन्द, जयराम रमेश, महुआ मोइत्रा, देव मुखर्जी, असददुद्दीन ओवेसी, तहसीन पूनावाला व केरल सरकार सहित अन्य ने चुनौती दी है।

गत नौ जनवरी को चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा था कि वह इस मामले में तभी सुनवाई करेंगे जब हिंसा रुकेगी। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि देश कठिन दौर से गुजर रहा है।

मालूम हो कि गत 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया था। हालांकि सुपीम कोर्ट ने उस दिन अधिनियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।  

दो दिन में रास्ता न खुला तो 50 आरडब्ल्यूए सड़कों पर उतरेंगी

नोएडा-दिल्ली मार्ग एक महीने से अधिक समय से बंद पड़े होने के कारण शाहीन बाग की पड़ोसी कॉलोनियों के निवासियों का गुस्सा 7वें आसमान पर है। 12 जनवरी को मदनपुर खादर, अली गांव प्रियंका कैंप, मोड़बंद, सरिता विहार और आसपास की दर्जनों जेजे कॉलोनियों के लोग भी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन को उतारू हो गए थे। उस दौरान पुलिस ने इन लोगों को यह कहकर शांत कराया था कि मार्ग जल्द खुलवाया जाएगा, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो पाया है।

कॉलोनियों के निवासियों के बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं 10 फरवरी से शुरू हो रही हैं। बाकी बच्चे भी समय से स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। जेजे कॉलोनियों में रहने वाले मजदूर वर्ग के जो लोग नोएडा-फरीदाबाद जाते हैं, वे रोज काम पर देर से पहुंच रहे हैं। ठेकेदार उन्हें वापस लौटा देता है। व्यस्त समय में दूसरे मार्गों पर भी जाम लगा रहता है। इससे लोगों का जीना मुहाल है। ऐसे में लोगों को 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। इसके बाद वे अगले दो दिन पुलिस के कार्रवाई करने का इंतजार करेंगे। इसके बाद नोएडा, फरीदाबाद और दिल्ली की 50 आरडब्ल्यूए के लोग रास्ता खुलवाने के लिए खुद सड़कों पर उतरेंगे। 

सरिता विहार निवासी अशोक विधूड़ी का कहना है कि पुलिस गणतंत्र दिवस की बात कहकर उन्हें 24 जनवरी को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस रास्ता खुलवाने के लिए हाथ-पांव जोड़ती रही और जनता भी विनम्रतापूर्वक एक ही बात दोहराती रही प्रधानमंत्री हमारी बात सुन ले हम आप की बात तुरंत मान लेंगे। प्रदर्शनकारी पुलिस और रास्ता बंद होने से परेशान स्थानीय लोग सब अपनी अपनी रणनीति अनुसार लामबंद हो रहे हैं।

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