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बचने की जिम्मेदारी लोगों पर छोड़ी ...

मोदी के देश के नाम संदेश की 7 बड़ी बातें

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच हालात बिगड़ते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना के दौरान पिछले 13 महीने में 8वीं बार देश के नाम संदेश दिया। मोदी ने 19 मिनट के संबोधन में किन बातों पर जोर दिया और उनके पीछे की वजह क्या थी,

1. लॉकडाउन

प्रधानमंत्री क्या बोले: आज की स्थिति में हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है। मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वे लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है।

वजह: प्रधानमंत्री को अर्थव्यवस्था की चिंता है, क्योंकि पिछले साल ग्रोथ रेट निगेटिव में चली गई थी। एक के बाद एक राज्य लॉकडाउन का ऐलान कर रहे हैं और प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की वजह से उन्हें आगाह करना चाहते हैं।

2. कोरोना की दूसरी लहर

प्रधानमंत्री क्या बोले: कोरोना की दूसरी लहर तूफान बनकर आई है। जो पीड़ा आप लोगों ने सही है, जो पीड़ा सह रहे हैं, उसका मुझे पूरा एहसास है। जिन लोगों ने बीते दिनों में अपनों को खोया है, मैं सभी देशवासियों की तरफ से उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

वजह: सोमवार लगातार तीसरा दिन था, जब देशभर में कोरोना के 2.50 लाख से ज्यादा नए मरीज मिले। जान गंवाने वालों का आंकड़ा 1.80 लाख के पार हो चुका है। हर दिन हो रही मौतों के मामले में भारत एक बार फिर दुनिया में टॉप पर है। सोमवार को देश में 1,757 मरीजों की मौत हो गई।

3. ऑक्सीजन

प्रधानमंत्री क्या बाेले: इस बार कोरोना संकट में देश के अनेक हिस्से में ऑक्सीजन की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ी है। इस विषय पर तेजी से और पूरी संवेदनशीलता के साथ काम किया जा रहा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, प्राइवेट सेक्टर, सभी की पूरी कोशिश है कि हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन मिले। ऑक्सीजन प्रोडक्शन और सप्लाई को बढ़ाने के लिए भी कई स्तरों पर उपाय किए जा रहे हैं।

वजह: देशभर में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन का संकट है। देश की राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ही मंगलवार शाम तक कुछ ही घंटों की ऑक्सीजन बाकी रह गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी केंद्र सरकार को इस मामले में फटकार लगाते हुए कहा है कि इंडस्ट्री ऑक्सीजन सप्लाई के लिए इंतजार कर सकती हैं, कोरोना के मरीज नहीं।

4. दवाएं

प्रधानमंत्री क्या बोले: इस बार फार्मा सेक्टर ने दवाओं का उत्पादन बढ़ा दिया है। आज जनवरी-फरवरी की तुलना में कई गुना ज्यादा दवाओं का प्रोडक्शन हो रहा है। इसे अभी और तेज किया जा रहा है।

वजह: देशभर में पिछले एक साल के दौरान कोराेना से जुड़ी दवाओं की किल्लत नहीं रही, लेकिन इस दूसरी लहर में रेमडेसिविर जैसे इंजेक्शन की कमी से कई राज्य जूझ रहे हैं। हालांकि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में रेमडेसिविर जैसी किसी दवा का नाम नहीं लिया।

5. अस्पतालों में बेड

प्रधानमंत्री क्या बोले: अस्पतालों में बेड की संख्या को बढ़ाने का काम भी तेजी से चल रहा है। कुछ शहरों में ज्यादा डिमांड को देखते हुए विशेष और विशाल कोविड अस्पताल बनाए जा रहे हैं।

वजह: देश में 7 दिन में करीब 15 लाख नए कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। एक हफ्ते में मरीजों की संख्या में 64% का इजाफा हुआ है। दुनिया के 30% मामले अकेले भारत में आ रहे हैं। शहरों के अस्पतालों में मरीजों को बेड खाली नहीं मिल रहे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी कह चुके हैं कि एक दिन में इससे ज्यादा मरीज आए तो देश की राजधानी उसका भार नहीं उठा पाएगी।

6. वैक्सीनेशन

प्रधानमंत्री क्या बोले: 1 मई से वैक्सीनेशन को 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए ओपन करने से शहरी वर्कफोर्स को तेजी से वैक्सीन मिलेगी। श्रमिकों को भी तेजी से टीके मिलेंगे। मेरा राज्य प्रशासन से आग्रह है कि वो श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें। उनसे आग्रह करें कि वे जहां हैं, वहीं रहें।

वजह: कई राज्यों में लॉकडाउन की वजह से ट्रेनों और बसों में प्रवासी मजदूरों की भीड़ नजर आ रही है। वे अपने घरों की लौट रहे हैं। प्रधानमंत्री ऐसे मजदूरों को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उन्हें भी जल्द वैक्सीन लगेगी।

7. इमोशनल कनेक्ट

प्रधानमंत्री क्या बोले: देश के युवा साथी अपनी सोसायटी और मोहल्लों में छोटी कमेटियां बनाकर कोविड अनुशासन लागू करेंगे तो कंटेनमेंट जोन या कर्फ्यू की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। ... और लॉकडाउन का तो सवाल ही नहीं उठता। स्वच्छता अभियान में जागरूकता के लिए बाल मित्रों ने बहुत मदद की थी। मेरे बाल मित्र, घर में ऐसा माहौल बनाइए कि बिना काम, बिना कारण घर के लोग घर से बाहर न निकलें। आपकी जीत बहुत बड़ा परिणाम ला सकती है।

वजह: प्रधानमंत्री कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रेजिडेंशियल सोसायटी और मोहल्लों को शामिल करना चाहते हैं। इस लड़ाई में इमोशनल कनेक्ट देने के लिए उन्होंने युवाओं-बच्चों का जिक्र किया।

कोरोना पर मोदी के 8 संबोधन, सबसे छोटा भाषण 12 मिनट तो सबसे लंबा 33 मिनट का

1: 19 मार्च, 2020- 29 मिनट का भाषण, जनता कर्फ्यू की अपील

2: 24 मार्च, 2020- 29 मिनट का भाषण, 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान

3: 3 अप्रैल, 2020- 12 मिनट का वीडियो संदेश, 9 मिनट लाइटें बंद करने की अपील

4: 14 अप्रैल, 2020- 25 मिनट का भाषण, देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया

5: 12 मई, 2020- 33 मिनट का भाषण, आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज

6: 30 जून, 2020- 17 मिनट का भाषण, अन्न योजना नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा

7: 20 अक्टूबर, 2020- 12 मिनट का भाषण, बिहार में वोटिंग से 8 दिन पहले उन्होंने अपील की- जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।

8: 20 मई, 2021- 19 मिनट का भाषण, देश में लॉकडाउन न लगाने की बात कही, राज्य सरकारों से भी इसे आखिरी विकल्प मानने को कहा।

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