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आयोग और हेल्थ एक्सपर्ट्स की मीटिंग में हुई चर्चा ...

वैक्सीन नहीं तो वोट भी नहीं

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बावजूद पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को टालने का फैसला अभी नहीं किया गया है। लेकिन मतदान केंद्रों पर वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगवाने वालों की एंट्री बंद की जा सकती है। इसके लिए गुरुवार को चुनाव आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच हुई मीटिंग में चर्चा की गई। हालांकि अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

यूपी-पंजाब समेत पांच राज्यों में होने हैं चुनाव

देश के पांच राज्यों में अगले दो महीने के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा शामिल हैं। इन सभी की विधानसभाओं का कार्यकाल अगले दो से तीन महीने में पूरा हो रहा है। लेकिन इन राज्यों में बढ़ते कोरोना मामलों के कारण चुनाव आयोग पर लगातार फिलहाल मतदान के लिए लाइनें लगाने से बचने के लिए दबाव बन रहा है।

देश में कोरोना के हालात का एनालिसिस किया गया
चुनाव कराएं या नहीं, इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए आयोग के अधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की है। इस मीटिंग में देश में बढ़ते कोरोना मामलों के कारण बने हालात का पूरा एनालिसिस किया गया। साथ ही इस दौरान चुनाव कराने के संभावित असर पर मंथन किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने आयोग को देश में कोविड के हालात के बारे में जानकारी दी।

एक्सपर्टस ने सुझाए मतदान कराने के लिए सुरक्षा उपाय

बैठक में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल, ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव और AIIMS दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक, इन एक्सपर्टस ने चुनाव कराने की स्थिति में लागू किए जाने वाले सुरक्षा मानकों को लेकर सलाह दी।

एक्सपर्टस ने पोलिंग बूथ पर चुनाव ड्यूटी में लगाए जाने वाले सभी कर्मचारियों और वोट डालने वाले वोटर्स के लिए कम्पलीट वैक्सीनेशन यानी दोनों डोज लगवाना कम्पलसरी करने की एडवाइज दी है। इस एडवाइज को सभी ने सही भी माना, लेकिन अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

27 दिसंबर को भी हुई थी आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय की मीटिंग

इससे पहले चुनाव आयोग के अधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ मीटिंग की थी। उस मीटिंग में भी चुनाव कराने के सुरक्षित तरीकों पर चर्चा की गई थी। उस मीटिंग में आयोग के अधिकारियों ने भूषण से पोल कैंपेन, पोलिंग-डे और वोट काउंटिंग-डे के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल को इम्प्रूव करने को लेकर डिटेल रिपोर्ट देने का आग्रह किया था।

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