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धनबाद के बंद प्लांट से मिली थी Audi कार ...

दिखती है कुछ ऐसी

23 जनवरी को पूरा राष्ट्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 124वीं जयंती मना रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि 1941 में नेताजी ने जब देश के आजादी के आंदोलन को नई धार देने के लिए भारत छोड़ कर यूरोप जाने की योजना बनाई थी, तो उन्होंने जर्मन कंपनी की ऑडी कार का इस्तेमाल किया था। Audi Wanderer W24 सेडान कार को कुछ सालों पहले ही रिस्टोर किया गया था, जिसका अनावरण तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था।

तय किया था 300 किमी का सफर

बात 16 जनवरी 1941 की है, जब नेताजी को उनके एल्गिन रोड स्थित निवास पर अंग्रेजों ने नजरबंद कर दिया था, तो नेताजी एक पठान बीमा एजेंट मोहम्मद जियाउद्दीन का वेश धर कर अपने भतीजे शिशिर कुमार बोस के साथ इसी कार से 300 किमी दूर मौजूदा झारखंड के धनबाद स्थित गोमो रेलवे स्टेशन के लिए निकले थे, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के लिए कालका मेल पकड़ी थी। उनकी कार का रजिस्ट्रेशन नंबर था BLA 7169, जिसे नेताजी के बड़े भाई शरत चंद्र बोस और भतीजे ने 1937 में खरीदी थी।

धनबाद के बंद प्लांट से मिली थी कार

काफी सालों तक यह कार नेताजी भवन में नेताजी रिसर्च ब्यूरो म्यूजियम के पास थी और उसमें जंग लग गया था, जिसे कुछ साल पहले ही शिशिर बोस के पुत्र सुगाता बोस की पहल के बाद ऑडी कोलकाता (ऑटो यूनियन) के 10 मैकेनिकों ने विंटेज कार रीस्टोरेशन मास्टर के नाम से मशहूर फादर एंड सन रीस्टोरेशंस के पल्लब रॉय के नेतृत्व में इस कार फिर से रीस्टोर किया गया। कहा जाता है कि यह कार धनबाद के बंद प्लांट के वेयरहाउस से मिली थी। बीसीसीएल ने कार के ऐतिहासिक महत्व को समझते हुए इसे 22 जुलाई को कोयला नगर स्थित गेस्ट हाउस भिजवा दिया। 1930-40 के दौरान इस कार का इस्तेमाल अपने दौरों के लिए नेताजी किया करते थे। वह उस समय टाटा लेबर एसोसिएशन के अध्यक्ष थे।

किसी भारतीय की पहली ऑडी

इस कार को शिशिर कुमार बोस ने 1957 तक इस्तेमाल किया गया, बाद में नेताजी रिसर्च ब्यूरो को दान में दे दिया गया। फिलहाल यह एतिहासिक धरोहर नेताजी के एल्गिन रोड स्थित निवास पर खड़ी हुई है। खास बात यह है कि मौजूदा वक्त में बाजार में बिक रही Audi Q5 का व्हीलबेस भी Audi Wanderer W24 के बराबर है। Audi Wanderer W24 की लंबाई 4280 एमएम, चौड़ाई 1645 एमएम, ऊंचाई 1600 एमएम है। वहीं इलका व्हीलबेस 2600 एमएम का है और ग्राउंड क्लीयरेंस 200 एमएम है। Audi Wanderer W24 की उस दौरान केवल 22500 यूनिट ही दुनियाभर में बेची गई थीं। माना जाता है कि देश में आई पहली ऑडी कार थी, जिसे किसी भारतीय ने खरीदा था।

रफ्तार 105 किलोमीटर प्रति घंटा

1937 मॉडल वाली इस कार में 1767 सीसी का 4-सिलेंडर इंजन लगा है। यह इंजन 3500 आरपीएम पर 42 एचपी की पावर और 3500 आरपीएम पर प्रदान करता है। इसकी टॉप स्पीड 105 किलोमीटर प्रति घंटा है। 4-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन वाली इस कार की फ्यूल टैंक क्षणता 40 लीटर की है। वहीं यह कार 4-डोर सलून थी।

Wanderer कंपनी ने बनाई थी ये कार    

Wanderer W24 को जर्मन ऑटोमेकर Wanderer ने बनाया था, जो मोटरसाइकिल्स, कार, वैन और साइकिल भी बनाती थी। इस कंपनी की शुरुआत 1896 में हुई थी, और 1932 में यह ऑटो यूनियन (ऑडी) का हिस्सा बन गई और 1945 में अपना कामकाज पूरी तरह से बंद कर दिया।        

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