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हिंदू-मुस्लिम पार्टनर होने पर भी नहीं बची दुकान ...

क्या धर्म क्या ईमान

दिल्ली: अचल पांडेय और मोहम्मद आबिद बचपन के दोस्त हैं। दोस्ती परवान चढ़ी तो दोनों ने कारोबार भी साथ कर लिया। अपनी दुकान में अल्लाह लिखी तस्वीर और मंदिर भी स्थापित कर लिया। लेकिन उपद्रवियों को दोनों की दोस्ती रास नहीं आई। मंगलवार को नॉर्थ-घोंडा चौक के पास उपद्रवियों ने इनकी दुकान को महज इसलिए लूटने के बाद आग लगा दी क्योंकि एक पार्टनर दूसरे समुदाय का था। 
पड़ोसियों का कहना है कि हिंसा के समय कुछ उपद्रवियों ने यह कहा था कि यह तो उनके ही समुदाय के शख्स की दुकान है तो इस पर बाकी लोगों ने कहा, तो क्या हुआ पार्टनर तो दूसरे समुदाय का है। अचल पांडेय के मुताबिक उनकी दुकान में 40 लाख रुपये से अधिक का माल रखा हुआ था, जिसे लूटने के अलावा उपद्रवियों ने आग लगा दी।
नॉर्थ-घोंडा, मेन यमुना विहार रोड पर अचल व आबिद की दुकान सह गोदाम है। पारस-को नामक दुकान में बेबी डाइपर और सेनेटरी नेपकिन का काम है। दोनों चीन से माल आयत कर दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई करते हैं। आबिद परिवार के साथ ब्रह्मपुरी में रहता है जबकि अचल बिहारी कॉलोनी में रहते हैं। दोनों पुराने दोस्त हैं। करीब 11 साल पहले इन लोगों ने साथ मिलकर कारोबार की शुरुआत की थी। 
मंगलवार को हिंसा की खबर मिलने के बाद आबिद व अचल दुकान बंद कर वहां से चले गए। इस बीच शाम के समय अचानक 100-150 उपद्रवियों की भीड़ दुकान के बाहर जुट गई। आरोपियों ने दुकान का शटर उखाड़कर वहां लूटपाट की। 
कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर और एलईडी लूटने के अलावा दुकान का सामान सड़क पर रखकर आग लगा दी। वारदात के वहां मौजूद इनके कुछ पड़ोसियों ने अचल को कॉल कर दुकान लूटे जाने और आग लगाने की बात बताई थी।

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