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गंगाजल अब आचमन योग्य- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  ...

मुख्यमंत्री योगी ने जताई खुशी

गंगा में प्रदूषण की मात्रा में जबरदस्त कमी आई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा रिपोर्ट में गंगाजल में ऑक्सीजन की मात्रा 10 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई है। ऐसे में गंगा का जल अब आचमन योग्य हो गया है। 
जलीय जंतुओं के लिए भी यह बहुत मुफीद स्थिति है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रिपोर्ट पर खुशी जताते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि कानपुर में गंगा को शुद्ध करने के साथ ही वहां के चमड़ा उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में भी सरकार कार्य कर रही है।

एक सप्ताह पहले मंगलवार को केंद्रीय और प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने कानपुर आकर गंगा का सैंपल लिया था। जांच में पाया गया कि अटल घाट से लेकर जाजमऊ पुल के बीच गंगाजल में डिजॉल्व ऑक्सीजन (डीओ) की मात्रा 10 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई है। यह किसी भी नदी में पाई जाने वाली ऑक्सीजन की सामान्य मात्रा से अधिक है। रिपोर्ट में इसे आदर्श स्थिति बताया गया है।

क्या है डीओ (डिजाल्व आक्सीजन)

जल में ऑक्सीजन की मात्रा का एक लेवल होता है। जब पानी में हानिकारक केमिकल की मात्रा अधिक हो जाती है, तो ऑक्सीजन कम हो जाती है। डिजॉल्व ऑक्सीजन एक लीटर में मिलीग्राम के हिसाब से मापी जाती है। 

गंगाजल में ऑक्सीजन की मात्रा में लगातार सुधार हो रहा है। गंगाजल के सैंपल की जांच रिपोर्ट में डीओ की स्थिति काफी अच्छी रही है।
-डॉ. एसबी फ्रैंकलिन क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी

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