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भाजपा अब सिर्फ 10-15 फीसदी विधायकों के टिकट ही काटेगी ...

पार्टी में भगदड़ से बैकफुट पर BJP

यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए एड़ी की चोटी जोर लगा रही है। ऐसे में बीजेपी से 14 विधायक और मंत्रियों के सपा में शामिल होने से पूरी तरह से बीजेपी बैकफुट पर आती दिखाई दे रही है। वहीं, अब किसी भी विधायक का टिकट नहीं कटेगा। इसके साथ ही अन्य बीते विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों की भी टिकट रिपीट होगी। प्रदेश स्तर से प्रत्याशियों के नाम फाइलन करके लिस्ट भाजपा की केंद्रीय चुनाव कमेटी को भेज दिया गया है। जल्द ही प्रत्याशियों की फाइनल लिस्ट जारी होगी।दिल्ली में हुई बैठक में हुआ फैसला, मंत्रियों और विधायकों के जाने के बाद बदली रणनीति, यूपी चुनाव को लेकर बीजेपी ने कराए थे तीन सर्वे, उसी के आधार पर टिकट काटे जाने थे, मंत्रियों, विधायकों की बगावत से सकते में बीजेपी, पिछड़े नेताओं पर सीधा हमला नहीं करे।

अब हारे हुए प्रत्याशियों का भी भाजपा रिपीट करेगी टिकट

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश स्तर के साथ ही केंद्रीय स्तर की टीमों से सभी विधानसभा का एक गोपनीय सर्वे कराया था। इसमें कई विधायकों का फीडबैक बहुत खराब मिला था। सर्वे के मुताबिक उनका हारना तय था। इसके चलते कानपुर के पांच विधानसभा और प्रदेश में करीब 125 सिटिंग एमएलए का टिकट काटने का फैसला लिया गया था।

इसी बीच भाजपा के इस सर्वे से असंतुष्ट व टिकट काटने के डर से भाजपा नेता और मंत्री सपा में शामिल हो गए। इससे प्रदेश से लेकर केंद्र तक पूरी भारतीय जनता पार्टी हिल गई। आनन-फानन में अब फैसला लिया गया है कि किसी विधायक का टिकट नहीं काटा जाएगा। बल्कि हारे हुए प्रत्याशियों का भी टिकट दोबारा किया जा रहा है। इससे भाजपा के नेताओं ने राहत की सांस ली है।तीन मंत्रियों और छह विधायकों के इस्तीफा देकर सपा जाने के फैसले से भाजपा 'बैकफुट' पर है। तीन दिन तक दिल्ली में यूपी चुनाव और टिकट वितरण को लेकर चली बैठक में भाजपा ने अपनी रणनीति बदल दी है। तय यह किया गया है कि अब तक 40 से 50% टिकट काटने की बात करने वाली भाजपा अब सिर्फ 10-15 फीसदी विधायकों के टिकट ही काटेगी।

भाजपा कानपुर की संभावित प्रत्याशियों की सूची

महाराजपुर विधानसभा - सतीश महाना गोविंद नगर विधानसभा - सुरेंद्र मैथानी (विधायक) किदवई नगर विधानसभा - महेश त्रिवेदी (विधायक) बिठूर विधानसभा- अभिजीत सिंह सांगा (विधायक) घाटमपुर विधानसभा - उपेंद्र पासवान (विधायक) कल्याणपुर विधानसभा - नीलिमा कटियार (विधायक) जहानाबाद विधानसभा - जय कुमार सिंह जैकी (जेल मंत्री) अपना दल गठबंधन सीट आर्य नगर विधानसभा - सलिल विश्नोई सीसामऊ विधानसभा - सुरेश अवस्थी बिल्हौर विधानसभा- भगवती सागर के पार्टी छोड़ने के बाद प्रत्याशी की तलाश कैंट विधानसभा- रघुनंदन सिंह भदौरिया रनिया अकबरपुर विधानसभा- प्रतिभा शुक्ला वारसी

बिल्हौर विधानसभा पर प्रत्याशी की तलाश

बिल्हौर के भाजपा विधायक भगवती सागर के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद सीट खाली हो गई है। संगठन अब बिल्हौर सीट पर जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में लगा है। बिल्हौर सुरक्षित सीट पर अब सपा से भगवती सागर और बसपा ने मधु गौतम को टिकट दिया है। भाजपा भी कोई जिताऊ दलित चेहरे की तलाश में हैं। एक दर्जन से ज्यादा नाम सामने आए हैं, लेकिन कोई नेता बड़े कद का नहीं है।

कैंट से छात्र नेता के टिकट की थी चर्चा

कैंट विधानसभा से कानपुर के एक युवा छात्र नेता का नाम पैनल में भेजा गया था। इतना ही नहीं टिकट भी प्रदेश स्तर पर फाइनल हो गई थी। लेकिन इसी बीच भाजपा में भगदड़ मचने से टिकट रिपीट करने का आदेश छात्र नेता पर भारी पड़ गया।

अब माना जा रहा है कि पुराने प्रत्याशी रघुनंदन भदौरिया को दोबारा टिकट दी जाएगी। छात्र नेता दिल्ली के नेताओं से मिलकर जीत का दावा करके अपनी टिकट कराने के प्रयास में लगे हैं। लेकिन भाजपा की नई गाइड लाइन के मुताबिक टिकट बदलना मुश्किल हो रहा है।

अगर नेताओं ने पार्टी बदली तो बनेगा नया समीकरण

भाजपा कानपुर के दो बड़े नेता समाजवादी पार्टी के जुझारू नेता सतीश निगम और बसपा के अनंत मिश्रा उर्फ अंटू को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है। अगर इन दोनों नेताओं ने भाजपा ज्वाइन की तो सतीश निगम को कल्याणपुर से उतारा जा सकता है। इसके साथ ही किसी अन्य सीट पर समीकरण बदल सकता है।

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