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शिकायतकर्ता के खिलाफ सीना तान कर खड़ा हो गया भ्रष्ट विभाग ...

दबंग प्रधानाध्यापिका सन्धा चौधरी  खाद्यान्न घोटाले में दोषी पाए जाने पर भी बीएसए द्वारा नहीं की जा रही कार्रवाही जिलाधिकारी की चौखट पर 10 वीं बार पहुंचा फरियादी

कानपुर : जी हां चौंकिए मत बच्चों का मिड डे मील ग्राम अमिलिहा प्राइमरी पाठशाला की प्रधानाध्यापिका संध्या चौधरी खुद भी खा रही हैं और विभाग के अफसरों को भी खिला रही है बच्चे भूंखे  मरे तो मरे उनकी बला से, कागजों पर बच्चे तो  खा ही रहे है। शिकायतकर्ता के द्वारा जब इस मामले की शिकायत डीएम कानपुर नगर से की गई तो उनके द्वारा सीडीओ कानपुर को आदेशित किया गया कि जांच कमेटी गठित कर निष्पक्ष  जांच कराई जाए। सीडीओ कानपुर नगर द्वारा एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई जांच कमेटी ने पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए इस मुद्दे पर गंभीरता से जांच की गई जिसके फलस्वरूप श्रीमती संध्या चौधरी को दोषी पाया गया लेकिन इसके बाद पूरे शासन प्रशासन को सांप सूंघ गया। आखिरकार ऐसा क्या हुआ ना तो संध्या चौधरी के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया और ना ही चोरी कर बेचे गए खाद्यान्न की रिकवरी की गई मामला समझ के बाहर है। केवल एक ही चीज समझ आ रही कि दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही  काली है।
 

इतना ही नहीं ग्राम विशुनपुर के विद्यालय में पूर्व में रहीं प्रधानाध्यापिका संध्या चौधरी ने वहां भी मिड डे मील राशन चोरी की थी जिसकी शिकायत करना प्रधान पति को भारी पड़ा। जिसके फलस्वरूप मोहतरमा ने प्रधान पति रामबहादुर के ऊपर 2017 में छेड़छाड़ का एक फर्जी मुकदमा ठोक दिया था। मतलब मामला साफ है हम गलत करें तो ठीक है अगर किसी ने आवाज उठाई तो छेड़छाड़ के फर्जी मुकदमे में जेल भिजवा दूंगी। इतने में भी मोहतरमा का जी नहीं भरा तो शिकायतकर्ता के खिलाफ भी थाना चौबेपुर में छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की गई लेकिन ऐसा हो नहीं सका मोहतरमा अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सकी। आखिरकार सूबे की कानून एवं प्रशासन व्यवस्था राम भरोसे ही चल रही है।

आपको बता दें जिलाधिकारी महोदय के दो-दो बार निर्देश करने के बावजूद बीएसए कानपुर नगर जिलाधिकारी कानपुर नगर के निर्देशों का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। जिलाधिकारी ने दो-दो बार बीएसए कानपुर नगर को निर्देशित किया बावजूद इसके अभी तक बीएसए कानपुर नगर नें ना तो कोई कार्यवाही करना मुनासिब समझा और ना ही उनके निर्देशों का पालन किया। शिकायतकर्ता जब भी जिलाधिकारी महोदय से जितनी बार  मिलता है अपनी बात को रखता है महोदय द्वारा कार्यवाही का आश्वासन दिया जाता है। कहा जाता है बीएसए कानपुर नगर द्वारा कार्यवाही की जाएगी मैंने आदेश कर दिया है। जब शिकायतकर्ता बीएसए कानपुर नगर के पास जाता है तो उनका साफ साफ शब्दों में कहना होता है,कुछ भी नहीं करूंगा जो करना है कर लो चाहे लखनऊ चले जाओ चाहे दिल्ली मैं कार्यवाही नहीं करूंगा। अगर तुम नहीं माने तो तुम जानते ही हो कि वह महिला एससी है। आगे तुम खुद समझदार हो उससे दूर रहो तुम अभी उसको नहीं जानते हो आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

आपको बताते चलें दिनांक 9 जुलाई 2020 को मध्यान भोजन प्राधिकरण उत्तर प्रदेश  शाशन लखनऊ के चेयरमैन (स्कूल महानिदेशक ) विजय किरण आनंद को 02/07 /2020 को एक शिकायती पत्र  प्रार्थी ने गोमती नगर लखनऊ में दिया था। जिसमें साफ साफ शब्दों में स्कूल निदेशक श्री विजय किरण आनंद जी के द्वारा निर्देशित किया गया है। उक्त दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करें 1सप्ताह के अंदर अवगत कराने का कष्ट करें। लेकिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर नगर उस आदेश को भी नहीं मानते हैं।

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