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मुस्कुरा कर किये हल सबके विवाद, स्वयं रहे विवादों से दूर ...

अंतिम संस्कार पर फैसला जूना अखाड़ा के पदाधिकारी लेंगे

कानपुर-: आनंदेश्वर मंदिर, परमट के महंत रमेश पुरी का बुधवार देर रात निधन हो गया। वे 62 वर्ष के थे और पिछले कई सालों से कैंसर से जूझ रहे थे। उनका पार्थिव शरीर डीएवी छात्रावास के पीछे बाबा घाट स्थित मंदिर की गोशाला में रखा गया है। अंतिम संस्कार पर फैसला श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के पदाधिकारी लेंगे।

2011 में महंत श्याम गिरी के बाद जूना अखाड़ा ने रमेश पुरी को मंदिर का महंत घोषित किया था। तबसे वे बाबा की सेवा में लगे हुए थे। कैंसर से जून 2020 में उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी। तब अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि महाराज व अन्य पदाधिकारी उन्हें देखने के लिए शहर आए थे।

मंदिर संचालन के लिए चार लोगों की एक समिति बनाई थी पर राष्ट्रीय महामंत्री हरि गिरि महाराज के शहर न आने पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई थी। सोमवार रात 9:30 बजे मंदिर में उनकी तबीयत बिगड़ी। मंदिर के मीडिया प्रभारी अजय सैनी व अन्य लोग उन्हें कार्डियोलाजी ले गए।

जहां पर उन्हें रात 10:15 बजे मृत घोषित किया गया। उनके निधन की खबर मिलते ही भक्तों और संतों में शोक छा गया। पनकी मंदिर के महंत कृष्ण दास महाराज, सिद्धनाथ आश्रम के बाल योगी अरुण पुरी महाराज, महंत जितेंद्र भाई दास समेत बड़ी संख्या में संत बाबा घाट पहुंचे।

सदैव मुस्कुरा कर दिया जवाब

 महंत रमेश पुरी कभी भी विवादों में नहीं रहे। मुरादाबाद निवासी रमेश पुरी का कभी मंदिर के कर्मचारी या पुजारियों से कोई विवाद नहीं हुआ। सदैव मुस्कुराकर जवाब देते थे। उनके कार्यकाल में मंदिर में भक्तों ने कई काम कराए। जून में ही मंदिर में 45 किलो चांदी लगाई गई थी। सावन में भीड़ संभालने के लिए उन्होंने स्टील की बैरिकेडिंग तैयार कराई थी। शहर के संत समाज में उनका अलग स्थान था। सौहार्द के हर मौके पर उन्होंने समाज की अगुवाई की।

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