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लॉकडाउन का पूरे प्रदेश सहित कानपुर में दिखा ज़बरदस्त असर ...

 गलिया अभी भी हो रही है गुलज़ार, पुलिस हो रही है परेशान

कोविड 19 सरल भाषा में नोवल कोरोना वायरस एक वैश्विक आपदा जिस ने लगभग पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। जिस का प्रकोप प्रतिदिन देश दुनिया में अपने संक्रमित मरीज़ों की संख्या बढ़ाता जा रहा है और न जाने कितने मासूम लोगो को अपनी जान इस के संक्रमण के चलते गवाना पड़ी है। प्रत्येक देश की सरकार युद्ध स्तर पर इस महामारी की रोकथाम के लिए प्रयास कर रही है, परंतु अभी तक कोई भी सटीक टीका या दवाई इस महामारी की सफलतापूर्वक नही बनाई जा सकी है, हालांकि शोध एवं अन्य प्रयास इस महामारी से संबंधित निरंतर किए जा रहे है। चीन से लेकर अमेरिका इटली स्पेन ईरान भारत एवं अन्य योरोपियन अफ़्रीकन एवं एशिया महादीप के देश इस जटिल आपदा से निपटने और इस कि रोकथाम को लेकर हर संभव प्रयास कर रहे है परंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई भी ऐसी जानकारी किसी भी माध्यम से एवं सरकार द्वारा नही प्राप्त हुई है कि उनके द्वारा कोविड 19 वायरस के विरुद्ध किसी भी प्रकार की सम्पूर्ण सफलता प्राप्त की गई है दावों के सिवा।

चिंता का विषय

दावे हज़ार किये जा रहे हो पर विश्व भर में संक्रमित मरीज़ों की बढ़ती संख्या एवं सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे मौत के आंकड़े हम सब के माथे पर चिंता की लकीरें डालने के लिए काफ़ी है। अब तक सम्पूर्ण विश्व मे सरकारी एवं ग़ैर सरकारी संस्थानों द्वारा जारी किए गए आकड़ो अनुसार लगभग 4 लाख से अधिक मरीज़ कोरोना वायरस से संक्रमित है, जिन की संख्या प्रतिदिन बढ़ ही रही हैं। कुछ एक जगह स्थिति में सुधार की भी सूचना है परंतु अंश मात्र।

बीते चार दिनों लॉक डाउन के 

कानपुर:- सरकार द्वारा 21 दिन के लॉक डाउन कर कोरोना वायरस संक्रमण को समाप्त करने का प्रभावी असर देश प्रदेश सहित कानपुर नगर में भी पूर्ण रूप से देखने को मिल राह है। व्यस्त चौराहे सड़के गलिया सब सुनसान पड़ी है, बहुत ही ज़रूरत पर ही निर्धारित समय सीमा के उपरांत लोग बाहर आ रहे है, कुछ एक क्षेत्रों को छोड़ सब तरफ लोगो द्वारा कोविड 19 महामारी के विरुद्ध लड़ाई में जागरूकता संग संयोग की भावना का साक्षी चारो ओर पसरा हुआ सन्नाटा। गलिया अभी भी हो रही है गुलज़ार जिस के कारण पुलिस हो रही है परेशान।

काला बाज़ारी चरम पर

कोरोना वायरस के विरुद्ध देश भर में किया गया लॉक डाउन जहाँ सर्व संयोग के साथ कामयाब होता नजर आ रहा है वही यह लॉक डाउन जनता के लिए आफ़त भी बनता जा रहा है। सरकार के आह्वाहन पर 21 दिन के लॉक डाउन ने काला बाज़ारी करने वालो की चांदनी कर रखी है वही सब कुछ बन्द होने और निर्धारित समय सीमा में आवश्यक वस्तुओं की खरीद की आपाधापी ने जनता को पस्त कर रखा है।
आटा हो या नामक टाटा, मटर हो या टमाटर, आलू हो प्याज़, मसाला गर्म हो या ठंडा सब के है बुरे हाल जहाँ जैसे जो जनता का खून चूस पा रहा है चूस रहा है। जनता कोरोना के आतंक से कम परेशान थी जो काला बाज़ारी के चलते काम बंदी में मंहगाई की दोहरी मार झेल और पस्त हो रही है। बताते चले सरकार प्रशासन द्वारा कागज़ी एवं मौखिक तौर पर तो बहुत कोशिशें भले की जा रही हो परंतु ज़मीनी हकीकत तो कुछ और ही बया कर रही है, जहाँ एक ओर जनता कोविड 19 वैश्विक महामारी से लड़ाई के विरुद्ध संयोग कर रही है वही काला बाज़ारी आर्थिक परेशानियों दैनिक उपयोग की वस्तुओं की क़िल्लत, जल्द समाप्त हो रहे माह के पश्चात किराए(घर, दुकान) ,किश्तों (वाहन, गृह श्रण,) बच्चों की फीस आदि को लेकर भी आम जनमानस में काफी चिंताएं है जिस पर सरकार को शीघ्र कोई आवश्यक एलान के साथ ठोस पहल करते हुए जनता को राहत देनी चाहिए।

कोई किसी से नही पीछे

जहाँ जनता कर्फ़्यू के आह्वान के पश्चात 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा के पश्चात जनता अपनी और अपनों की सुरक्षा के प्रति सजर्ग दिख रही है, वही कुछ समझदार ऐसे भी है जो अब भी कोरोना वायरस की गंभीरता को बेमौसम की आंधी मात्र समझने की भूल कर रहे है। जिस के कारण पुलिस प्रशासन को नगर के विभिन्न भागों में अपने डंडो को निर्धारित समय सीमा के पश्चात कई बार सैनिटाइज करना पड़ रहा है अर्थार्त बल का प्रयोग करना पड़ रहा है, जिस कारण कई वीडियो जो सोशल मीडिया पर विभिन्न सूत्रों द्वारा पोस्ट किए गए है में पुलिस का नकारात्मक रूप दर्शा रहे है। बताते चले कुछ नासमझ लोगो की गलती का भुगतान आवश्यक कार्यो से निकले लोगो को भी पुलिस की लाठी थापड़ खा कर करना पड़ा है।

हम साथ साथ है

जहाँ प्रशासन एक और पूरी सतर्कता एवं दूरदर्शिता का परिचय दे जनता की सुरक्षा संग सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करने का अपना कर्तव्य पूर्ण निष्ठा से निभा रही है जो कि सराहनीय है, वही कानपुर नगर के विभिन्न क्षेत्रों से कुछ एक ऐसी तस्वीरों से दो चार होना पड़ा जो साफ दर्शाती है कि न सिर्फ जानत बल्कि प्रशासन में आसीन लोग भी कम समझदार नही है कोई कही चौपाल लगाए बैठा है तो कही कोई सोशल डिस्टनसिंग का खुला उलंघन करते साफ दिखा।

सरकारी कर्मचारी भी नही सुसज्जित

सरकार जनता को चाहे कितना ज्ञान बाट ले परंतु उस के स्वयं के दावो में कितनी पारदर्शिता है यह हक्कीत धरातल पर उसके अधीन  इन विकट परिस्थितियों में कार्य कर रहें लोगो के उपयोग में लाई जाने वाली उन तमाम आवश्यक वस्तुओं की क़िल्लत साफ दर्शाती। मास्क ग्लव्स एप्रन सैनिटाइजर आदि कोविड 19 से बचाव की आवश्यक वस्तुओं की क़िल्लत की शिकायतें वर्तमान समय में कार्य कर रहे प्रत्येक विभागों में कही मुखर तो कही बन्द ज़ुबान में उठनी शुरू हो गईं है, जो कि सरकार के दावो की पोल साफ तौर पर खोलती है। जिस पर सरकार को जल्द विचार कर बिना किसी विलंभ उपलब्ध कराने का प्रयास कर सभी कोविड 19 महामारी के विरुद्ध अमूल्य योगदान दे रहे कोरोनावीरो की रक्षा के प्रति सजगता के संग उन सब की हौसला अफजाई के लिए भी अति आवश्यक है।

थोक बाज़ार दे रहा अनहोनी को दावत

प्रातः 4 से 11 बजे की प्रशासन द्वारा दी गई ढील जहाँ जनता के लिए कुछ राहत वाली है, वही थोक बाज़ारो में उस समय लगने वाली भीड़ चिंता का विषय भी है। नगर की कोई भी थोक एवं फुटकर मंडी ऐसी नही है जहाँ कोरोना वायरस का संक्रमण ईश्वर न करे अगर फैल गया तो स्थिति की भयवक्ता का अंदाज़ा भी लगा पाना संभव नही है। नयागंज, कलेक्टर गंज, एक्सप्रेस रोड, बिरहाना रोड दवा बाजार आदि की क्या दृश्य होता है, सोशल डिस्टनसिंग नामक शब्द तो यहाँ भीड़ में मानो कही लुप्त सा हो जाता है।

मेडिकल स्टोर संचालक भी हो रहे है परेशान

शासन द्वारा गाइड लाइन्स सहित जनहित में मेडिकल स्टोर्स को दी गई छूट का जहाँ मेडिकल स्टोर्स संचालकों द्वारा पूरा ध्यान रखा जा रहा है (सोशल डिस्टनसिंग, मास्क ग्लव्स एप्रन सैनिटाइजर का उपयोग का इस्तेमाल), वही ग्राहकों द्वारा किया जा रहा है इस का खुला उलंघन जो कि विवाद का केंद बनता जा रहा है जिस की अधिकतर शिकायत क्षेत्रीय मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा की गई है।

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