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अधिकारी भी जांच के दायरे में ...

 तीन कंप्यूटरों से भेजी गई रकम

कानपुर में बैंक ऑफ इंडिया महाराजपुर शाखा में हुए गबन में पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। 1.41 करोड़ रुपये तीन कंप्यूटरों से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए। पुलिस का दावा है कि अस्थायी सफाई कर्मचारी के पास इन तीनों कंप्यूटरों के पासवर्ड थे।
सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर ये पासवर्ड सफाईकर्मी तक कैसे पहुंचे। अब पुलिस इन कंप्यूटरों को इस्तेमाल करने वाले बैंककर्मियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। महाराजपुर एसओ राघवेंद्र सिंह के मुताबिक बैंक मैनेजर से 1.41 करोड़ के गबन का आरोप लगा तहरीर दी थी। जो दस्तावेज बैंक मैनेजर ने सौंपे थे, उस आधार पर जांच की गई तो गबन की रकम इतनी ही पाई गई।

अभी तक की जांच में अस्थायी कर्मचारी हाथीपुर निवासी पंकज गुप्ता पर ही शक है कि उसी ने ये रकम ट्रांसफर की। एसओ के मुताबिक प्रत्येक बैंककर्मी के कंप्यूटर का पासवर्ड उसी के पास होता है। सफाईकर्मी तक पासवर्ड कैसे पहुंचा, इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

पुलिस को आशंका है कि कहीं अधिकारी तो नहीं मिले हैं और ठीकरा पंकज पर फोड़ा जा रहा है। एसओ ने बताया कि जब तक एफआईआर दर्ज कर जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक हर बैंककर्मी शक के दायरे में है।

ऑडिट रिपोर्ट का इंतजार

बैंक में लखनऊ की ऑडिट टीम डेरा जमाए है। पुलिस के मुताबिक ऑडिट रिपोर्ट जांच में शामिल करेगी। ऑडिट के बाद गबन की रकम और स्पष्ट हो जाएगी। अभी गबन की रकम बढ़ भी सकती है। एसओ का कहना है कि अगर ऑडिट टीम ने किसी अन्य स्तर पर भी गड़बड़ी पकड़ी तो जांच में शामिल कर उसके जिम्मेदार को भी आरोपी बनाया जाएगा।

सीसीटीवी फुटेज मांगे

एसओ ने बताया कि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि गबन कब से कब तक हुआ है। जैसे ही से साफ होगा, उस समयावधि के सीसीटीवी फुटेज बैंक से मांगे जाएंगे। अगर फुटेज मिलते हैं तो उससे बहुत कुछ स्पष्ट हो जाएगा। साथ ही अहम साक्ष्य भी मिलेंगे। 

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